हरिषेणा
From जैनकोष
(1) साकेत नगर के राजा श्रीषेण और रानी श्रीकांता की बड़ी पुत्री और श्रीषेणा की बड़ी बहिन । ये दोनों बहिनें स्वयंवर में अपने-अपने पूर्वजन्म की प्रतिज्ञा का स्मरण करके बन्धुजनों को छोड़कर तप करने लगीं थीं । महापुराण 72. 253-254, हरिवंशपुराण 64. 129-131
(2) तीर्थंकर शान्तिनाथ के संघ की प्रमुख आर्यिका । महापुराण 63.493