निर्वर्तना
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == देखें अधिकरण ।
पुराणकोष से
अजीवाधिकरण आस्रव का एक भेद । इसके दो भेद हैं—मूलगुण निर्वर्तना और उत्तरगुण निर्वर्तना । इनमें शरीर, वचन, मन तथा श्वासोच्छ्वास आदि की रचना मूलगुण निर्वर्तना है और काष्ठ, पाषाण, मिट्टी आदि से चित्र आदि का बनाना उत्तरगुण निर्वर्तना है । हरिवंशपुराण 58-86-87