अबद्ध
From जैनकोष
पंचाध्यायी / उत्तरार्ध श्लोक 96 मोहकर्मावृतो बद्धः स्यादबद्धस्तदत्ययात्।
= मोहकर्म से युक्त ज्ञान को बद्ध तथा मोहकर्म के अभाव से ज्ञान को अबद्ध कहते हैं।
पंचाध्यायी / उत्तरार्ध श्लोक 96 मोहकर्मावृतो बद्धः स्यादबद्धस्तदत्ययात्।
= मोहकर्म से युक्त ज्ञान को बद्ध तथा मोहकर्म के अभाव से ज्ञान को अबद्ध कहते हैं।