अष्टम पृथिवी
From जैनकोष
भगवती आराधना/2133 ईसिप्पब्भाराए उवरिं अत्थदि सो जोयणम्मिसदिए । धुवमचलमजरठाण लोगसिहरमस्सिदो सिद्धो । = सिद्धभूमि आठवीं ‘ईषत्प्राग्भार’ पृथिवी के ऊपर स्थित है। एक योजन में कुछ कम है। सिद्धजीव ऐसे निष्कंप व स्थिर स्थान में तिष्ठते हैं।
इस विषय में तथा मोक्ष के सम्बन्ध में विशेष जानकारी हेतु देखें मोक्ष - 1.7।