अमूर्त
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
1. गणित संबंधी अर्थ ( जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो / प्रस्तावना 105) Abstract
2. अमूर्तत्व सामान्य व अमूर्तत्व शक्ति
आलापपद्धति/6 मूर्तस्य भावो मूर्तत्वं रूपादिमत्त्वम् । अमूर्तस्य भावोऽमूर्तत्वं रूपादिरहितत्वम् इति गुणानां व्युत्पत्तिः । = मूर्त द्रव्य का भाव मूर्तत्व है अर्थात् रूपादिमान् होना ही मूर्तत्व है । इसी प्रकार अमूर्त द्रव्यों का भाव अमूर्तत्व है अर्थात् रूपादि रहित होना ही अमूर्तत्व है ।
-देखें मूर्तः - 3.
3. जीव का अमूर्तत्व निर्देश-देखें जीव - 3;
4. द्रव्योंमें मूर्तामूर्तकी अपेक्षा विभाजन-देखें द्रव्य - 3;
5. अमूर्त जीवसे मूर्तकर्म कैसे बंधे-देखें बंध - 2;
6. अमूर्त द्रव्योंके साथ मूर्त द्रव्योंका स्पर्श कैसे संभव है-देखें स्पर्श - 2
पुराणकोष से
सौधर्मेंद्र द्वारा वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.187