उद्देशिक
From जैनकोष
भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 421/613/8
श्रमणानुद्दिश्य कृतं भक्तादिकं उद्देसिगमित्युच्यते। तच्च षोडशविधं आधाकर्मादिविकल्पेन। ......
= मुनि के उद्देश से किया हुआ आहार, वसतिका वगैरह को उद्देशिक कहते हैं। उसके अधः कर्मादि विकल्प से सोलह प्रकार हैं। (......
देखें उद्दिष्ट ।