गंडविमुक्तदेव
From जैनकोष
- नन्दिसंघ के देशीयगण के अनुसार माघनन्दि मुनि कोल्लापुरीय के शिष्य तथा भानुकीर्ति व देवकीर्ति के गुरु थे। समय–वि० ११९०-१२२० (र्इ०११३३-११६३); (ष.ख.२/प्र.४ H. L. Jain)- देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
- नन्दिसंघ के देशीयगण के अनुसार (देखें - इतिहास ) माघनन्दि कोल्लापुरीय के शिष्य देवकीर्ति के शिष्य थे अपरनाम वादि चतुर्मुख था। इनके अनेक श्रावक शिष्य थे। यथा=
- माणिक्य भण्डारी मरियानी दण्डनायक,
- महाप्रधान सर्वाधिकारी ज्येष्ठ दण्डनायक भरतिमय्य;
- हेडगे बूचिमय्यंगल,
- जगदेंकदानी हेडगे कोरय्य। तदनुसार इनका समय—ई० ११५८-११८२ होता है। देखें - इतिहास / ७ / ५ ।