रामपुत्र
From जैनकोष
धवला पुस्तक 1/1, 1, 2/103/2
नमि-मतंग सोमिल-रामपुत्र-सुदर्शन-यमलीक-वलीक-किष्किंविल-पालंबाष्टपुत्रा इति एते दश वर्द्धमानतीर्थंकरतीर्थे।.... दारुणानुपसर्गांनिर्जित्यकृत्स्नकर्मक्षयादंतकृतो...।
= वर्धमान तीर्थंकर के तीर्थ में नमि, मतंग, सोमिल, रामपुत्र, सुदर्शन, यमलीक, वलीक, किष्किंविल, पालंब, अष्टपुत्र ये दश... दारुण उपसर्गों को जीतकर संपूर्ण कर्मों के क्षय से अंतकृत् केवली हुए।
भगवान् वीर के तीर्थ में अंतकृत केवली हुए हैं−देखें अंतकृत् केवली ।