दिवाकरनंदि
From जैनकोष
नन्दि संघ के देशीय गण की गुर्वावली के अनुसार (देखें - इतिहास ) आप चन्द्रकीर्ति के शिष्य तथा शुभचन्द्र के गुरु थे। समय–वि०११२५-११५५ (ई०१०६८-१०९८); (ष.खं.२/प्र.१० H.L.Jain)– देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
नन्दि संघ के देशीय गण की गुर्वावली के अनुसार (देखें - इतिहास ) आप चन्द्रकीर्ति के शिष्य तथा शुभचन्द्र के गुरु थे। समय–वि०११२५-११५५ (ई०१०६८-१०९८); (ष.खं.२/प्र.१० H.L.Jain)– देखें - इतिहास / ७ / ५ ।