पुंडवर्धन
From जैनकोष
पूर्व देश में एक नगरी है। ‘महिमा’ नगरी का अपरनाम प्रतीत होता है। क्योंकि अर्हद्वलि आचार्य द्वारा यहाँ यति सम्मेलन बुलाया गया है। और धरसेनाचार्य ने महिमा नगरी में साधुओं को बुलाने के लिए पत्र लिखा था। महिमा नगरीवाला साधु संघ और अर्हद्वलि आचार्य का साधु सम्मेलन एकार्थवाची प्रतीत होते हैं। ( धवला 1/ प्र.14,31)।