मानसस्तंभिनी
From जैनकोष
अलंकारपुर नगर के राजा रत्नश्रवा को प्राप्त एक विद्या । यह जिसे सिद्ध हो जाती है उसका मनचाहा काम करती है । पद्मपुराण -7. 163
अलंकारपुर नगर के राजा रत्नश्रवा को प्राप्त एक विद्या । यह जिसे सिद्ध हो जाती है उसका मनचाहा काम करती है । पद्मपुराण -7. 163