जुंभक
From जैनकोष
(1) इस जाति का एक देव । पूर्वभव के स्नेहवश इसने नारद का वैताढ्य पर्वत की मणिकांचन गुहा में दिव्य आहार से पालन किया था । पद्मपुराण - 11.151-158, हरिवंशपुराण - 42.16-18
(2) देवों की एक जाति । इस जाति के देव बलदेव के पुत्रों तथा अन्य चरमशरीरियों को जिनेंद्र के पास ले गये थे । हरिवंशपुराण - 61.92