जंबूमाली
From जैनकोष
रावण का सामंत एवं पुत्र । यह संसार से विरक्त होकर मुनि हो गया । तूणीगति नामक महाशैल (पर्वत) पर इसने तपस्या की । मरकर यह अहमिंद्र हुआ । पद्मपुराण - 57.47-48,पद्मपुराण - 60.32-40, 80.137-138
रावण का सामंत एवं पुत्र । यह संसार से विरक्त होकर मुनि हो गया । तूणीगति नामक महाशैल (पर्वत) पर इसने तपस्या की । मरकर यह अहमिंद्र हुआ । पद्मपुराण - 57.47-48,पद्मपुराण - 60.32-40, 80.137-138