भगवती
From जैनकोष
(1) बहुरूपविधायिनी एक विद्या । युद्ध में रावण का एक अंग कटने पर इसी विद्या के प्रभाव से उसके दो नये अंग उत्पन्न हो जाते थे । पद्मपुराण - 75.22-25
(2) लक्ष्मण की आठ महादेवियों में सातवीं महादेवी । यह सत्यकीर्ति की जननी थी । पद्मपुराण - 94.18-23,पद्मपुराण - 94.34