मित्रयशा
From जैनकोष
पुष्पप्रकीर्ण नगर के अमोघशर ब्राह्मण की पत्नी । यह विधवा थी । इसने पति की बाण-विद्या का स्मरण कराकर अपने पुत्र श्रीवर्धित को विद्या सीखने के लिए उत्साहित किया था तथा श्रीवद्धित भी विद्या पढ़कर इतना चतुर हो गया था कि चतुराई के कारण उसे पोदमपुर का राज्य भी मिल गया था । पद्मपुराण - 80.168-176