लोलुप
From जैनकोष
वंशा नरकभूमि के दसवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ आठ और विदिशाओं में एक सौ चार श्रेणीबद्ध बिल हैं । हरिवंशपुराण - 4.79,हरिवंशपुराण - 4.114
वंशा नरकभूमि के दसवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ आठ और विदिशाओं में एक सौ चार श्रेणीबद्ध बिल हैं । हरिवंशपुराण - 4.79,हरिवंशपुराण - 4.114