संप्रदान कारक
From जैनकोष
1. प्रवचनसार/ पं.जयचंद्र/16
कर्म जिसको देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे सो संप्रदान।
2. अभिन्नकारकी व्यवस्था में संप्रदान का प्रयोग - देखें कारक - 1।
1. प्रवचनसार/ पं.जयचंद्र/16
कर्म जिसको देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे सो संप्रदान।
2. अभिन्नकारकी व्यवस्था में संप्रदान का प्रयोग - देखें कारक - 1।