विकार
From जैनकोष
स.सि./५/२४/२९६/११ त एते शब्दादयः पुद्गलद्रव्यविकाराः। = ये सब शब्द आदि (शब्द, बन्ध, सौक्ष्म्य, स्थौल्य, संस्थान, भेद, तम, छाया आदि) पुद्गलद्रव्य के विकार हैं।
रा.वा./५/२०/१३/४७५/२८ परिणामान्तरसंक्रान्तिलक्षणस्य विकारस्य....। = परिणामान्तर रूप से संक्रान्ति करना विकार का लक्षण है।
- विकार सम्बन्धी विषय–देखें - विभाव।