बोधि
From जैनकोष
प.प्र. /टी./१/९/१६/९ सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणामप्राप्ताप्रापणं बोधिः । = सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र की प्राप्ति नहीं होती और इनका पाना ही बोधि है । (द्र. सं./टी./३५/१४४/९) ।
प.प्र. /टी./१/९/१६/९ सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणामप्राप्ताप्रापणं बोधिः । = सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र की प्राप्ति नहीं होती और इनका पाना ही बोधि है । (द्र. सं./टी./३५/१४४/९) ।