भानुकीर्ति
From जैनकोष
नन्दी संघ के देशीय गण की गुर्वावली के अनुसार आप गण्ड विमुक्तदेव के शिष्य थे। समय–वि. १२१५-१२३९ (ई ११५८-११८२); (ध.२/प्र.४/H.L. Jain) देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
नन्दी संघ के देशीय गण की गुर्वावली के अनुसार आप गण्ड विमुक्तदेव के शिष्य थे। समय–वि. १२१५-१२३९ (ई ११५८-११८२); (ध.२/प्र.४/H.L. Jain) देखें - इतिहास / ७ / ५ ।