श्रीदत्त
From जैनकोष
- भूतकालीन सप्तम तीर्थंकर - देखें - तीर्थंकर / ५ ।
- भगवान् महावीर की मूल परम्परा में लोहाचार्य के पश्चात एक अङ्गधारी। समय - वी.नि.५६५-५८५ (ई.३८-५८)। ( देखें - इतिहास / ४ / ४ )।
- एक प्रसिद्ध जैन तार्किक दिगम्बराचार्य जिनका नामोल्लेख आ.विद्यानन्दि ने श्लोकवार्तिक में किया और आ.पूज्यपाद (ई.श.६) तक ने जिनका स्मरण किया। कृति - जल्प निर्णय। समय - वि.श.४-५ (ई.श.४ का उत्तरार्ध)। (ती./२/४४९) (सि.वि./प्र.१९/पं.महेन्द्रकुमार)।