सर्वार्थसिद्धि शास्त्र
From जैनकोष
आ.पूज्यपाद (ई.श./५) द्वारा विरचित तत्त्वार्थ सूत्र की विशद वृत्ति है। संस्कृतभाषा में लिखा गया है। इस पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं -(१) आ.अकलंकभट्ट (ई.६२०-६८०) कृत तत्त्वार्थ राजवार्तिक (२) आ.प्रभाचन्द्र नं.५ (ई.९५०-१०२०) कृत एक वृत्ति। (३) पं.जयचन्द छाबड़ा (ई.१८०९) कृत भाषा वचनिका। (जै./२/२८०)।