गर्भकल्याणक
From जैनकोष
तीर्थंकर के माता के गर्भ में आने पर इन्द्र द्वारा मनाया जाने वाला एक उत्सव । इसमें इन्द्र आकर तीर्थंकर के माता-पिता को भक्तिपूर्वक सिंहासन पर बैठाकर सोत्साह उनका अभिषेक करते हैं, पूजते हैं और तीर्थंकरों का स्मरण कर तीन प्रदक्षिणा देते हैं । वीरवर्द्धमान चरित्र 7. 120-122