रजक
From जैनकोष
(1) धोबी । यह कारु शूद्र होता है । महापुराण 16.185
(2) मेरु के चन्दनवन का छठा कूट । इसकी ऊँचाई पाँच सौ योजन, मूलभाग की चौड़ाई पाँच सौ योजन, मध्यभाग की तीन सौ पचहत्तर योजन और ऊर्ध्वभाग की गई सौ योजन है । विचित्रा दिक्कुमारी देवी यहाँ निवास करती है । हरिवंशपुराण 5.329-333