शकुन
From जैनकोष
शुभ अथवा अशुभ सूचक लक्षण । अग्निज्वाला का दक्षिणावर्त से प्रज्वलित होना, मयूर का बोलना, अलंकृता नारी के दर्शन, सुगंधित वायु-प्रवाह, मुनि दर्शन, घोड़ों का हिनहिनाना, घण्टनाद, दधिपूरित कलश, बायीं ओर नये गोबर को बिखेरते तथा पंख फैलाए कौए का दिखाई देना और भेरी-शंख-निनाद आदि शुभ सूचक शकुन है । पद्मपुराण 54.49-53