सूत्र
From जैनकोष
(1) दृष्टिवाद अंग के पाँच भेदों में दूसरा भेद । इसमें अठासी लाख पद है । इन पदों में श्रुति, स्मृति और पुराण के अर्थ का निरूपण किया गया है । महापुराण 6.148, हरिवंशपुराण 2.96, 10.61, 69-70
(2) मणिमध्यमा हार का अपर नाम । इसका एक नाम एकावली भी है । महापुराण 16. 50