स्नातक
From जैनकोष
(1) साधु का एक भेद-घातिया कर्मों को नाश कर केवलज्ञान प्रकट करने वाले साधु । ये चार प्रकार के शुक्लध्यानों में उत्तरवर्ती दो परम शुक्लध्यानों के स्वामी होते हैं । महापुराण 21.120-188
(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.112