घनवाहन
From जैनकोष
(1) भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत पर स्थित अरुण नगर के राजा सिंहवाहन का पुत्र । इसका पिता इसे ही राज्य देकर विरक्त हुआ था । पद्मपुराण 17. 154-158
(2) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी में स्थित रथनूपुर नगर के राजा मेघवाहन और रानी प्रीतिमती का पुत्र । इसने अपने शत्रुओं को हराया और अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए विंध्याचल पर साधना की जिससे उसे एक गदा प्राप्त हुई थी । पांडवपुराण 15.6-10