दुर्मुख
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == यह सप्तम नारदे थे। अपरनाम चतुर्मुख। विशेष–देखें शलाका पुरुष - 6।
पुराणकोष से
(1) रावण का पक्षधर एक विद्याधर । यह सीता के स्वयंवर में भी सम्मिलित हुआ था । महापुराण 68.431, पद्मपुराण 28.214
(2) जरासन्ध का पुत्र । हरिवंशपुराण 52.37
(3) पूरण का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.51 देखें दुर्दर्श
(4) वसुदेव और अवन्ती का पुत्र सुमुख का अनुज और महारथ का अग्रज । हरिवंशपुराण 48.64, यह अर्धरथ राजा था । इसे वसुदेव ने कृष्ण-जरासन्ध युद्ध में कृष्ण का पृष्ठरक्षक बनाया था । हरिवंशपुराण 48. 64, 50.83, 115