विचित्ररथ
From जैनकोष
भरतक्षेत्र के अरिष्टपुर नगर के राजा प्रियव्रत तथा रानी पद्मावती का कनिष्ठ पुत्र । यह रत्नरथ का अनुज था । ये दोनों भाई चिरकाल तक राज्य भोगकर दीक्षित हो गये थे तथा तप करते हुए शरीर त्याग करके स्वर्ग में देव हुए थे । पद्मपुराण 39.148-150, 157, देखें रत्नरथ - 3