सूत्रजसम्यक्त्व
From जैनकोष
सम्यक्त्व के दस भेदों में चौथा भेद आचारांग आदि अंगों के सुनने से उनमें शीघ्र उत्पन्न श्रद्धा सूत्रज-सम्यक्त्व है । महापुराण 74.439-440, 443-444, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.141, 146
सम्यक्त्व के दस भेदों में चौथा भेद आचारांग आदि अंगों के सुनने से उनमें शीघ्र उत्पन्न श्रद्धा सूत्रज-सम्यक्त्व है । महापुराण 74.439-440, 443-444, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.141, 146