द्वितीयोपशम सम्यग्दर्शन की प्राप्ति का विधान―देखें उपशम - 2; इस संबंधी विषय― देखें सम्यग्दर्शन - IV.3।
पूर्व पृष्ठ
अगला पृष्ठ