कृत्स्न
From जैनकोष
स॰सि॰/५/१३/२७८/१० कृत्स्नवचनमशेषव्याप्तिप्रदर्शनम्।=सबके साथ व्याप्ति दिखलाने के लिए सूत्र में ‘कृत्स्न’ पद रखा है।
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स॰सि॰/५/१३/२७८/१० कृत्स्नवचनमशेषव्याप्तिप्रदर्शनम्।=सबके साथ व्याप्ति दिखलाने के लिए सूत्र में ‘कृत्स्न’ पद रखा है।
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