सब विधि करन उतावला, सुमरनकौं सीरा
From जैनकोष
(राग काफी)
सब विधि करन उतावला, सुमरनकौं सीरा ।।टेक ।।
सुख चाहै संसार में, यों होय न नीरा ।।
जैसे कर्म कमावे है, सो ही फल वीरा!
आम न लागै आकके, नग होय न हीरा ।।१ ।।सब विधि. ।।
जैसा विषयनिकों चहै न रहै छिन धीरा ।
त्यों `भूधर' प्रभुकों जपै, पहुँचे भव तीरा ।।२ ।।सब विधि. ।।