कंदक
From जैनकोष
ध.१३/५,३,२९/३४/१० हत्थिधरणट्ठमोद्दिदवारिबंधो कंदओ णाम। हरिण-वाराहादिमारणट्ठमोद्दिदकंदा वा कंदओ णाम।
= हाथी के पकड़ने के लिए जो वारिबन्ध बनाया जाता है उसे कंदक कहते हैं। अथवा हिरण और सूअर आदि के मारने के लिए जो फंदा तैयार किया जाता है उसे कन्दक कहते हैं।