विद्यानंद महोदय
From जैनकोष
आ. विद्यानंदि (ई. 775-840) की सर्व प्रथम न्यायविषयक रचना है। अनुमान है कि यह ग्रंथ श्लोक वार्तिक से भी महान् होगा। परंतु आज यह उपलब्ध नहीं है। इसे केवल ‘महोदय’ नाम से भी कहते हैं। (ती./2/359)।
आ. विद्यानंदि (ई. 775-840) की सर्व प्रथम न्यायविषयक रचना है। अनुमान है कि यह ग्रंथ श्लोक वार्तिक से भी महान् होगा। परंतु आज यह उपलब्ध नहीं है। इसे केवल ‘महोदय’ नाम से भी कहते हैं। (ती./2/359)।