कौशांब: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
|
(No difference)
|
Revision as of 15:21, 19 August 2020
एक भयंकर वन । द्वारावती नगरी के विनाश की तथा जरत्कुमार के निमित्त से कृष्ण की मृत्यु होने की नेमिनाथ द्वारा भविष्यवाणी सुनकर जरत्कुमार ने इसी वन का आश्रय लिया था । यहीं अपने अन्त समय में बलराम और कृष्ण आये थे । कृष्ण यहाँ लेट गये थे । जरत्कुमार ने उन्हें एक मृग समझकर उन पर बाण छोड़ दिया । उसी से उनकी मृत्यु हुई । हरिवंशपुराण 62. 15-61, पांडवपुराण 22. 81-84