हरिषेणा: Difference between revisions
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Revision as of 21:09, 4 August 2023
- साकेत नगर के राजा श्रीषेण और रानी श्रीकांता की बड़ी पुत्री और श्रीषेणा की बड़ी बहिन । ये दोनों बहिनें स्वयंवर में अपने-अपने पूर्वजन्म की प्रतिज्ञा का स्मरण करके बंधुजनों को छोड़कर तप करने लगीं थीं । महापुराण 72. 253-254, हरिवंशपुराण 64. 129-131
- तीर्थंकर शांतिनाथ के संघ की प्रमुख आर्यिका । महापुराण 63.493