अनंतज्ञान
From जैनकोष
(1) सिद्ध जीव के आठ गुणों में एक गुण― संसार के समस्त पदार्थों को एक साथ जाननेवाला ज्ञान । इसके लिए मंत्रों में ‘‘अनंतज्ञानाय नम:’’ पीठिका मंत्र व्यवहृत होता है । यह ज्ञानावरण कर्म के क्षय से उत्पन्न होता है । महापुराण 20.222-223, 40.14, 42.98 देखें सिद्ध
(2) नौ लब्धियों में इस नाम की एक लब्धि । महापुराण 20.265-266