श्रावक धर्म की ग्यारह प्रतिमाओं में दसवीं प्रतिमा । इस प्रतिमा का धारी घर के आरंभ विवाह आदि में निज आहारपान आदि में और धनोपार्जन में अनुमति देने का त्यागी होता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 1.868 देखें श्रावक
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