अप्रत्यवेक्षितोत्सर्ग
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/34/370/11 अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जितायां भूमौ मूत्रपुरीषोत्सर्गः अप्रत्ययवेक्षिताप्रमार्जितोत्सर्गः। = बिना देखी और बिना प्रमार्जित (पीछी आदिसे झाड़ी गयी) भूमि में मल-मूत्र का त्याग करना अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जितोत्सर्ग है।
- देखें उत्सर्ग ।