अरिमर्दन
From जैनकोष
द्विपचाह के बाद हुआ लंका का राक्षसवंशी राजा । यह माया और पराक्रम से सहित, विद्या, बल और महाकांति का धारी और विद्यानुयोग में कुशल था । पद्मपुराण - 5.396-400
द्विपचाह के बाद हुआ लंका का राक्षसवंशी राजा । यह माया और पराक्रम से सहित, विद्या, बल और महाकांति का धारी और विद्यानुयोग में कुशल था । पद्मपुराण - 5.396-400