अलाभ
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
धवला 13/5,5,63/334/3 इच्छिदट्ठोवलद्धी लाहो णाम। तव्विवरीयो अलाहो। = इच्छित अर्थ की प्राप्ति का नाम लाभ है और इससे विपरीत अर्थात् इच्छित अर्थ की प्राप्ति का न होना अलाभ है।( धवला 13/5,5,137/389/13 )
देखें लाभ-1 ।
पुराणकोष से
इस नाम का एक परीषह-सदा संतुष्ट रहना । महापुराण 36.127