असंसार
From जैनकोष
यह संसार का विलोम है। अतः शिवपद की प्राप्ति या परमसुख की प्रतिष्ठा ही असंसार है।
संसार के सम्बन्ध में विशेष जानकारी हेतु देखें संसार ।
यह संसार का विलोम है। अतः शिवपद की प्राप्ति या परमसुख की प्रतिष्ठा ही असंसार है।
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