असद्ध्यान
From जैनकोष
इष्ट और अनिष्ट वस्तुओं का ध्यान । ऐसा ध्यान संक्लेश से युक्त होता है इसीलिए वह असद्ध्यान है । महापुराण 21.22-23
इष्ट और अनिष्ट वस्तुओं का ध्यान । ऐसा ध्यान संक्लेश से युक्त होता है इसीलिए वह असद्ध्यान है । महापुराण 21.22-23