अस्ति नास्ति भंग
From जैनकोष
सप्त भंगों में से तीसरा भंग अस्ति नास्ति भंग है। इस भंग के अनुसार वस्तु में परस्पर विरोधी धर्म क्रमशः ही कहे जा सकते हैं, युगपत् नहीं।
सप्त भंग के सम्बन्ध में विशेष जानने हेतु देखें सप्तभंगी - 4।
सप्त भंगों में से तीसरा भंग अस्ति नास्ति भंग है। इस भंग के अनुसार वस्तु में परस्पर विरोधी धर्म क्रमशः ही कहे जा सकते हैं, युगपत् नहीं।
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