आढकी
From जैनकोष
अरहर । यह उन धान्यों में से एक है जो कल्पवृक्षों के अभाव होने पर नाभिराज के समय में उत्पन्न हुए । नाभिराज ने प्रजा को उनका उपयोग सिखाया था । महापुराण 3.187
अरहर । यह उन धान्यों में से एक है जो कल्पवृक्षों के अभाव होने पर नाभिराज के समय में उत्पन्न हुए । नाभिराज ने प्रजा को उनका उपयोग सिखाया था । महापुराण 3.187