आनंदिनी
From जैनकोष
एक महाभेरी । भरतेश की इस नाम की बारह भेरियां थी । इनकी ध्वनि बारह योजन दूर तक फैलती थी । महापुराण 37.182
इसी नाम की इतनी ही भेरियाँ अरनाथ तीर्थंकर के यहाँ भी थी । पांडवपुराण 7.23
नगर वासियों को युद्ध की सूचना देने के लिए इनका प्रयोग होता था । हरिवंशपुराण - 40.19