आपेक्षिक गुण
From जैनकोष
वस्तु के स्वयंसिद्ध, तर्कागोचर, नित्य शुद्ध अंश का नाम स्वभाव है। वह दो प्रकार के होते हैं - वस्तुभूत और आपेक्षिक। तहाँ वस्तुभूत स्वभाव दो प्रकार के हैं - सामान्य व विशेष। सहभावी गुण सामान्य स्वभाव है और क्रमभावी पर्याय, विशेष स्वभाव है। आपेक्षिक स्वभाव अस्तित्व, नास्तित्व, नित्यत्व-अनित्यत्व आदि विरोधी धर्मों के रूप में अनंत हैं, जिनकी सिद्धि स्याद्वाद रूप सप्तभंगी द्वारा होती है। इन्हीं के कारण वस्तु अनेकांत स्वरूप है। स्याद्वादमंजरी/24/289/21
विस्तार के लिये देखें स्वभाव ।