आम्रवन
From जैनकोष
(1) समवसरण-भूमि का चतुर्थ वन । महापुराण 22.163, 183
(2) पुंडरीकिणी नगरी का एक उपवन । एक हजार राजाओं सहित वज्रसेन इसी उपवन में दीक्षित हुए थे । महापुराण 11. 48
(1) समवसरण-भूमि का चतुर्थ वन । महापुराण 22.163, 183
(2) पुंडरीकिणी नगरी का एक उपवन । एक हजार राजाओं सहित वज्रसेन इसी उपवन में दीक्षित हुए थे । महापुराण 11. 48